2023 गो-20 सम्मेलन: नई दिल्ली में आयोजन और महत्व!

2023 गो-20 सम्मेलन: नई दिल्ली में आयोजन और महत्व

2023 गो-20 सम्मेलन: गो-20 (G20) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समूह है जो विश्व अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिति, और ग्लोबल राजनीति के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बनाया गया है। यह समूह 19 विकसित और अगले वर्ष के लिए एक विशेष देश के रूप में यूरोपीय संघ को शामिल करता है। गो-20 का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ और सामर्थ्यपूर्ण बनाना है। इस लेख में, हम 2023 में नई दिल्ली में होने वाले गो-20 सम्मेलन के बारे में चर्चा करेंगे, जिसके अंतरराष्ट्रीय महत्व को समझने का प्रयास करेंगे।

2023 गो-20 सम्मेलन: नई दिल्ली में आयोजन और महत्व

  1. गो-20 क्या है? गो-20 एक अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसमें 19 विकसित देश और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना, ग्रामीण और उपयुक्ति वादिता बढ़ाना, और अर्थतंत्र के विकास को बढ़ावा देना है। गो-20 के सदस्य देश ब्राजील, रूस, चीन, इंडिया, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मेक्सिको, सौदी अरब, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, और यूरोपीय संघ के रूप में होते हैं।
  2. गो-20 सम्मेलन 2023: नई दिल्ली की घटना 2023 में गो-20 सम्मेलन का आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह सम्मेलन गो-20 के द्वादश आयोजन होगा, और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके मुख्य आयोजक होंगे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विश्व अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर चर्चा करना है और समुदायों के बीच सहमति बनाना है ताकि विश्व के अर्थतंत्र में सुधार हो सके। इस लेख में हम 2023 में नई दिल्ली में होने वाले गो-20 सम्मेलन के महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से देखेंगे:
  3. मुख्य विषय: गो-20 सम्मेलन के मुख्य चर्चा विषय गो-20 सम्मेलन में विभिन्न महत्वपूर्ण चर्चा विषयों पर चर्चा की जाती है, जो ग्लोबल अर्थतंत्र और वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अंतर्गत, 2023 में नई दिल्ली में होने वाले सम्मेलन में कुछ मुख्य चर्चा विषय निम्नलिखित हैं:
    • विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति: गो-20 सदस्यों के बीच विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विचार किया जाएगा, जिसमें अगर आवश्यक हो तो कोविड-19 पैंडेमिक के परिणाम सहित विभिन्न विपणन के प्रभाव भी शामिल होंगे।
    • वित्तीय स्थिति: सम्मेलन में वित्तीय स्थिति की मुद्दों पर चर्चा होगी, जैसे कि वित्तीय संरचना, गुरुत्वाकर्षण, और अदालती विवादों का प्रबंधन।
    • संरक्षणवाद और प्रदूषण: गो-20 सम्मेलन में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भी बातचीत होगी और संरक्षणवाद के साथ ही कृषि और वन्यजीव संरक्षण की चर्चा भी की जा सकती है।
    • साइबर सुरक्षा: गो-20 सदस्य देश अपने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के तरीकों पर विचार करेंगे ताकि वे साइबर हमलों से बच सकें।
    • वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग: गो-20 सदस्य देश वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी में सहयोग को बढ़ावा देने के माध्यमों पर विचार करेंगे, जिससे नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
    • सामाजिक और मानवाधिकार: सम्मेलन में सामाजिक मुद्दों और मानवाधिकारों के मुद्दे पर भी बातचीत की जा सकती है, जैसे कि जेंडर इंगेक्वलिटी, शिक्षा, और स्वास्थ्य।
  4. सम्मेलन के महत्व: गो-20 सम्मेलन का महत्व विश्व अर्थव्यवस्था और ग्लोबल राजनीतिक मामलों पर प्रक्रिया में है, जो विश्व भर में हो रहे बदलावों को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिनके लिए इस सम्मेलन का महत्व बढ़ता है:
    • विश्व अर्थव्यवस्था की सुधार: गो-20 सम्मेलन विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने का महत्वपूर्ण मंच है, जिसके माध्यम से विभिन्न देश साथ मिलकर अर्थतंत्रिक मुद्दों पर काम कर सकते हैं।
    • ग्लोबल सामरिकीकरण: गो-20 सम्मेलन में विभिन्न देशों के बीच सामर

5. G20 शिखर सम्मेलन क्या है?(“What is the G20 Summit? )

नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 18वें जी20 शिखर सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने का समापन हो रहा है। इस सम्मेलन में विभिन्न गो20 देशों के मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के बीच सभी गो20 प्रक्रियाओं और बैठकों का समापन हो रहा है। G20 शिखर सम्मेलन के समापन पर G20 नेताओं के आलंब से एक घोषणा जारी की जाएगी, जिसमें संबंधित मंत्रिस्तरीय और कार्य समूहों की अधिकृत बैठकों के दौरान की गई चर्चा और सहमति को समाहित किया जाएगा।

6. G20 की स्थापना कब हुई थी?

UPSC में G20 के बारे में पूछे जाने वाले सवालों में से एक सवाल G20 की स्थापना के बारे में हो सकता है। उम्मीदवारों को यह जानना चाहिए कि G20 का पूरा नाम ‘ग्रुप ऑफ़ 20’ है और इसकी स्थापना की गई थी वर्ष 1999 में। इसकी स्थापना का उद्देश्य था वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स के लिए एक वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में बनाया जाना था।

G20 कैसे काम करता है?

G20 UPSC में G20 कैसे काम करता है के बारे में पूछा जा सकता है, इसलिए यहां पॉइंट्स में बताया गया है:

  1. मुख्य उद्देश्य: G20 मंच का प्रमुख उद्देश्य आर्थिक सहयोग है।
  2. मुद्दों पर चर्चा: G20 आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करता है।
  3. विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग: G20 समिट वैश्विक स्तर पर कृषि, व्यापार, रोजगार, ऊर्जा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी चर्चा करता है।
  4. 2023 में भारत का महत्व: भारत 2023 में पहली बार G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का मेजबान होगा। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, जैसे कि लोकतंत्र और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में, भारत का राष्ट्रपति इसके महत्व को बढ़ावा देंगे।
  5. मंच की संरचना: गो20 के पास कोई स्थायी सचिवालय नहीं है और इसे राष्ट्रपति पद के पिछले, वर्तमान, और भविष्य के धारकों द्वारा संचालित किया जाता है, जिन्हें ट्रोइका के रूप में जाना जाता है।
  6. सम्मेलन की श्रृंखला: यह शिखर सम्मेलन दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 तक बैठकों के लिए संभावित मेजबान शहरों के साथ बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, इंदौर, जोधपुर, खजुराहो, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पुणे, कच्छ के रण सहित पूरे वर्ष बैठकों की एक श्रृंखला का समापन करेगा।”

 

यहां 10 महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिन्हें सामग्री में शामिल किया जा सकता है:

2023 गो-20 सम्मेलन: नई दिल्ली में आयोजन और महत्व

  1. सम्मेलन का परिचय: 2023 गो-20 सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है, जिसमें गो-20 के 19 सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे।
  2. विश्व अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति: सम्मेलन में विश्व अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी, जिसमें कोविड-19 पैंडेमिक के प्रभाव और अर्थव्यवस्था के मुद्दे शामिल होंगे।
  3. वित्तीय स्थिति: सम्मेलन में वित्तीय स्थिति पर विचार किया जाएगा, जैसे कि वित्तीय संरचना, गुरुत्वाकर्षण, और अदालती विवादों का प्रबंधन।
  4. प्रदूषण और संरक्षणवाद: सम्मेलन में प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बातचीत होगी और संरक्षणवाद के साथ ही कृषि और वन्यजीव संरक्षण की चर्चा भी की जा सकती है।
  5. साइबर सुरक्षा: सम्मेलन में साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर विचार किया जाएगा ताकि वे साइबर हमलों से बच सकें।
  6. वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग: गो-20 सदस्य देश वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी में सहयोग को बढ़ावा देने के माध्यमों पर विचार करेंगे, जिससे नवाचार और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया जा सके।
  7. सामाजिक और मानवाधिकार: सम्मेलन में सामाजिक मुद्दों और मानवाधिकारों के मुद्दे पर भी बातचीत की जा सकती है, जैसे कि जेंडर इंगेक्वलिटी, शिक्षा, और स्वास्थ्य।
  8. ग्लोबल सामरिकीकरण: गो-20 सम्मेलन ग्लोबल सामरिकीकरण के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विश्व भर में व्यापक विकास को प्रोत्साहित करता है।
  9. सहयोग और संबंध निर्माण: इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न देश सहयोग और संबंध निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच सहमति को मजबूत करता है।
  10. भारत का महत्व: भारत के इस सम्मेलन में मुख्य आयोजक के रूप में होने से भारत को अपने विकास और अर्थतंत्र के क्षेत्र में ग्लोबल प्लेयर के रूप में एक बड़ा मौका मिलेगा। यह सम्मेलन

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